युवा डेयरी उद्यमी ने कोरोना काल में अपने दम पर खड़ा किया दूध का कारोबार

परिचय

हमारी लगातार कोशिश होती है कि आपको डेयरी सेक्टर में मुकाम स्थापित करने वाले लोगों की सफलता की कहानी से रूबरू कराया जाए। इसी कड़ी में आपके सामने पेश है एक ऐसे ही युवा डेयरी उद्यमी निखिल मिश्रा की सक्सेस स्टोरी, जिन्होंने अपने जज्बे और अनुभव के बल पर डेयरी सेक्टर में कुछ अलग करने की ठानी है। कोरोना काल में जब हर कोई परेशान था, लोगों का बना बनाया बिजनेस डूब रहा था, उस समय गाजियाबाद के रहने वाले निखिल मिश्रा ने अच्छी खासी नौकरी को छोड़कर डेयरी का कारोबार शुरू किया।

निखिल मिश्रा ने कई मिल्क ब्रांड्स को स्थापित किया

निखिल मिश्रा मैनेजमेंट प्रोफेशनल हैं और उन्हें 20 से अधिक वर्षों का मार्केंटिंग और मैनेजमेंट क्षेत्र का अनुभव है। एमबीए करने के बाद निखिल मिश्रा ने अपने करियर के शुरुआती 12 साल रियल ऐस्टेट और फुटवियर इंडस्ट्री में गुजारे। लेकिन इसके बाद उन्होंने कानपुर में नमस्ते इंडिया मिल्क ब्रांड में महाप्रबंधक की जिम्मेदारी संभाली। 2007-08 के दौर में नमस्ते इंडिया उत्तर भारत में एक उभरता हुआ डेयरी ब्रांड था, लेकिन निखिल मिश्रा ने अपनी मेहनत, सूझबूझ और प्रशासनिक कौशल से उसे स्थापित ब्रांड बनाने का काम किया। इसके बाद निखिल मिश्रा गोपाल जी आनंदा मिल्क कंपनी में आ गए और यहां नोएडा में उन्होंने डायरेक्टर के पद पर रहते हुए मिल्क प्रोक्योरमेंट विभाग का काम संभाला। करीब 10 साल की नौकरी में निखिल मिश्रा ने आनंदा मिल्क की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कोरोना काल में शुरू किया अपना डेयरी बिजनेस

कोरोना काल में निखिल मिश्रा ने नौकरी छोड़कर कुछ अपना काम करने का निर्णय लिया और नवंबर, 2020 में आनंदा मिल्क की स्थापित नौकरी छोड़ कर खुद का डेयरी बिजनेस शुरू कर दिया। निखिल मिश्रा ने दिसंबर 2020 में फार्मर टू कंज्यूमर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया और इसी साल फरवरी में काम शुरू किया।

रोजाना 7 हजार किसानों से 25 हजार लीटर दूध का कलेक्शन

डेयरी टुडे से बातचीत में निखिल ने बताया कि डेयरी सेक्टर में दक्षता के चलते उन्होंने दूध खरीद के सेक्टर में ही काम करने का फैसला किया। निखिल मिश्रा के मुताबिक उनकी कंपनी उत्तर प्रदेश के कन्नौज, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद और हरदोई जिलों के 200 गांवों में करीब 7 हजार किसानों से दूध एकत्र करती है। प्रतिदिन करीब 25 हजार लीटर दूध एकत्र किया जाता है, फिर उसे चिलिंग सेंटर रखकर, टैंकरों के माध्यम से कानपुर, लखनऊ जैसे शहरों में डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों को बेचा जाता है।

डेयरी किसान बिजनेस मॉडल की अहम कड़ी- निखिल मिश्रा

निखिल मिश्रा ने बताया कि उनके बिजनेस मॉडल में डेयरी किसान सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। अपने कंपनी के जुड़े किसानों को वे पूरी सुविधा दे रहे हैं, जैसे- बैलेंट कैटल फीड, फीड सप्लीमेंट। इसके साथ हीं उन्हें पशुओं की देखभाल, उनकी स्वास्थ्य जांच को लेकर जागरूक किया जाता है, ट्रेनिंग भी दी जाती है। पशुओं की डीवार्मिंग के लिए दवाएं भी दी जाती हैं। किसानों से लिए गए दूध का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से ट्रांसपेरेंट तरीके से किया जाता है।

कभी नौकरी करने वाले निखिल ने सैकड़ों लोगों को दिया रोजगार

डेयरी उद्यमी निखिल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने सभी 200 गांवों में कंपनी कलेक्शन सेंटरों में करीब एक लाख रुपये का निवेश किया। जिसमें वहां मिल्क एनालाइजर, मिल्क कैन, वेइंग मशीन लगाई गई है। इसले अलावा उन्होंने मिल्क कलेक्शन रूट में दो जगहों पर 30-30 हजार लीटर क्षमता के दो चिलिंग सेंटर भी लगाए हैं। ताकि दूध कलेक्शन और सप्लाई के दौरान उसकी गुणवत्ता प्रभावित नहीं हो। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट काल के दौरान शुरू किए गए इस डेयरी बिजनेस के जरिए 18 लोगों को सीधे रोजगार दिया गय है, जबकि 200 कलेक्शन सेंटरों पर भी इतने ही लोगों को रोजगार दिया है। इसके अलावा 20 छोटे ट्रांसपोर्टर भी उनसे जुड़े हुए हैं।

जल्द ही ‘वरदान’ ब्रांड का दूध लॉन्च करने की तैयारी

भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए निखिल मिश्रा ने कहा कि वे जल्द ही मिल्क कलेक्शन के कार्य को मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 1000 गांवों में शुरू करना चाहते हैं। इसके साथ भी किसानों के नेटवर्क को बढ़ाकर 50 हजार तक पहुंचाने में भी जुटे हैं। उन्होंने ‘वरदान प्रकृति का’ नाम से डेयरी ब्रांड भी रजिस्टर कराया है और जल्द ही इसी ब्रांड के तहत दूध, दही, बटर, घी और छाछ भी लॉन्च करने की योजना है। निखिल मिश्रा का कहना है कि डेयरी सेक्टर में अपार संभावनाएं है, अगर डेयरी और दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों को वैल्यू एडेडे प्रोडक्ट बनाने की तरफ प्रोत्साहित किया जाए तो उनकी आर्थिक स्थित मजबूत हो सकती है।

स्रोत: डेयरी टुडे नेटवर्क, 22 नवंबर 2021.

 

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