स्वस्थ एवं अस्वस्थ पशुओं के लक्षण की जानकारी
पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए एक अच्छा प्रबंधन कार्यक्रम किसी भी पशुधन के उत्पादन के लिए बुनियादी है। पशुओं और पूरे झुंड को स्वस्थ और उत्पादक बनाए रखने के लिए पशु पालको को व्यक्तिगत रूप से नियमित रूप से प्रत्येक पशु को बारीकी से निरीक्षण करना चाहिए और सामान्य स्वास्थ्य का आकलन करना चाहिए। यदि एक झुंड की स्वास्थ्य स्थिति से समझौता किया जाता है, तो वह संचालन कुशल नहीं होगा। पशुधन के लिए आम बीमारियों के नैदानिक संकेतों को पहचानने के लिए, सामान्य या स्वस्थ पशु के लक्षण के साथ परिचित होना महत्वपूर्ण है। चूंकि पशु-पक्षी मनुष्यों की तरह अस्वस्थता के संबंध में बोलकर वर्णन नहीं कर सकते हैं इसलिए पशुपालक को पशु के व्यवहार तथा हरकतों पर ध्यान देना चाहिए पशु द्वारा प्रदर्शित लक्षणों को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है की पशु स्वस्थ है या अस्वस्थ पशुओं को इंगित करने वाले प्रमुख संकेत निम्नवत है।
- पशु की दिखावट (प्रतीति)
स्वस्थ पशु अपने आस पास के प्रति सतर्क और जागरूक रहते है। यह सक्रियता से नजर रखते है कि उनके चारों ओर क्या हो रहा है, अगर ऐसा नहीं है तो पशु अस्वस्थ हो सकता है। स्वस्थ पशु को अपने सभी पैरों पर बराबर वजन देकर खड़ा होना चाहिए। अपने समूह में से पशु का अलग होना अक्सर बीमारी का संकेत होता है।
- आंखें
आँखों के कोनों पर कोई श्राव नहीं होने के साथ आँखें चमकदार, उज्ज्वल और चौकन्नी होनी चाहिए।
- कान
अधिकांश पशुओं के कान खड़े होते हैं, जो किसी भी ध्वनि की दिशा में मुड़ जाते हैं। पशु कान के संचलन से मक्खियों से छुटकारा पाने के लिए त्वरित होगा, अगर कान गिरे हुए है, पशु के कान में समस्या, बुखार या फेफड़ो का संक्रमण (नेमोनिया) आदि हो सकता है।
- चाल
स्वस्थ पशु चलते समय आसानी से और लगातार अपने चारो पैरों के साथ पर अपना वजन लेता है । पशु के कदम नियमित होने चाहिए। पैरों या अंगों में दर्द के चाल के कारण चाल अनियमित होती है। यदि आप किसी ऐसे पशु के पास जाते हैं जो जमीन पर लेटा या बैठा हुआ है तो उसे जल्दी से खड़ा होना चाहिए अन्यथा उसे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- नाक और थूथन
नाक को श्राव रहित और साफ होना चाहिए, थूथन को नम नहीं होना चाहिए। स्वस्थ पशु अक्सर अपनी जीभ से अपनी नाक चाटते हैं।
- मुंह
मुंह से कोई लार नहीं टपकनी चाहिए, न ही चारा गिरना चाहिए और मुह दुर्गंध रहित होना चाहिए। पशु अक्सर जुगाली की स्तिथि में ही रहता है ,अगर चबाना धीमा या अधूरा है तो दांतों के साथ कोई समस्या हो सकती है।
- बाहरी त्वचा आवरण
स्वस्थ पशु का आवरण चिकना और चमकदार होंता है। मवेशी, भैंस उनके बछड़े त्वचा को चाटते रहते हैं इसलिए चाटने के निशान आसानी से दिख जाएंगे। स्वस्थ पशु के बालों में स्वाभाविक चमक होती है। अस्वस्थ पशु की त्वचा खुशक एवं खुरदरी सी होती है।
- सामान्य व्यवहार
अधिकांश रोग प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप पशो के व्यवहार में असामान्यताएं आएगी, अगर कोई पशु सामान्य से अधिक या कम उत्तरदायी है, तो यह कहीं न कहीं बीमारी का प्रतिनिधित्व कर सकता है। यदि कोई गाय या भैंस अपने पेट की ओर देखता है या पेट पर लात मारता है तो उसे पेट में दर्द हो सकता है।
- श्वशन
श्वशन आराम से और नियमित रूप से होना चाहिए । याद रखें कि चलते समय और गर्म मौसम में सांस लेने की दर बढ़ जाएगी। यदि पशु छाया में आराम कर रहा है, तो यह पता लगाना मुश्किल होता है कि पशु साँस लेने में छाती को हिला रहा या नहीं । जब कोई पशु लगातार खांसता है, तो यह दर्शाता है कि कोई चीज उसके गले को परेशान कर रही है और, यह पता लगाना जरुरी होगा कि ऐसा क्यों हो रहा है। खांसी अच्छे स्वास्थ्य का एक अच्छा संकेत है, लेकिन यह लगातार खांसी नहीं होनी चाहिए।
- नाड़ी
पशु की जांच करते समय नाड़ी परीक्षण करना अति महत्वपूर्ण है। मनुष्य में नाड़ी आसानी से ली जा सकती है लेकिन पशुओं में यह अधिक कठिन है और अभ्यास की आवश्यकता होती है। मवेशियों की नब्ज पूंछ के आधार के नीचे ली जाती है, वयस्क गाय में सामान्य दर 40 – 80 प्रति मिनट है। भैंस में नाड़ी की दर 40 – 60 प्रति मिनट है। याद रखें कि युवा पशु में नाड़ी दर वयस्क की तुलना में अधिक होगी।
- गोबर
स्वस्थ पशु का गोबर दृढ़ होंता है । बहुत नरम गोबर (दस्त) बीमार स्वास्थ्य का संकेत है। यदि पशु का गोबर बहुत सख्त है या पशु को कब्ज है या गोबर करने में कठिनाई होती है तो यह एक खराब स्वास्थ्य का संकेत है।
- मूत्र
पेशाब साफ होना चाहिए और पशु को पेशाब में दर्द या कठिनाई के कोई लक्षण दिखाई नहीं चाहिए।
- भूख और जुगाली
यदि आहार उपलब्ध है, तो स्वस्थ पशु का पेट भरा हुआ होगा। मवेशी, भैंस और ऊंट प्रत्येक दिन 6 से 8 घंटे के लिए जुगाली करते हैं। जब ये पशु जुगाली करना बंद कर देते हैं, इनके बीमार होने का संकेत हॉता है ।
- दूध
दुधारू पशु में, उत्पादित दूध की मात्रा में अचानक बदलाव का मतलब स्वास्थ्य समस्या हो सकता है। दूध में रक्त या अन्य पदार्थ का कोई भी संकेत, थनों में संक्रमण की ओर इशारा करता है। थन को छूने पर सूजन और दर्द का कोई संकेत नहीं होना चाहिए। थन के अग्रभाग पर चोट नहीं होनी चाहिए।
- शरीर का तापमान
यदि आपको संदेह है कि एक पशु बीमार है, तो आपको उसका तापमान लेना चाहिए। पशु की गुदा से तापमान लेना चाहिए, जो शरीर के सामान्य तापमान से अधिक हो सकता है और संक्रमण का संकेत होता है।
- अन्य पशुओं के साथ मेल-जोल
- स्वस्थ पशु हमेशा अन्य पशुओं के साथ रहना पसन्द करता है और सामूहिक रूप से चरने, घूमने तथा आपस में लड़-लड़कर खेलने में विशेष आन्नद पाता है।
- रोगी पशु अन्य पशुओं को छोड़कर चुपचाप अलग जा खड़ा होता है और अन्य पशुओं से अलग रहना पसन्द करता है। यह लक्ष्ण देखकर तुरन्त समझ लेना चाहिए कि पशु बीमार है।
- शरीर पर सूजन/ गांठ
- स्वस्थ पशु के शरीर में कही पर भी सूजन या गांठ नही दिखायी देती है।
- रोगी पशु के शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे कि जबड़े के नीचे, टांगों पर, अगली टांगों के बीच व शरीर के अन्य भागों पर सूजन आ जाती है। कई बार ग्याभिन पशु या तुरंत व्याये के शरीर के निचले हिस्से जैसे कि लेवटी, पेट व छाती पर सूजन आ जाती है।
- श्वसन दर
यह गाय की पसलियों को देखकर चुपचाप मूल्यांकन किया जा सकता है, 15 सेकंड में प्रेरणा पर वे कितनी बार बाहर निकलते हैं और फिर 4 से गुणा करें। एक गाय की श्वसन दर परिवेश के तापमान के साथ भिन्न हो सकती है और यदि गाय तनावग्रस्त है, लेकिन वयस्क गाय श्वसन दर 26 और 50 सांस प्रति मिनट के बीच होनी चाहिए।
अवस्था | स्वस्थ पशुधन | अस्वस्थ पशुधन |
सतर्कता | चुस्त, दुरुस्त और सुफूर्तियुक्त | उदासीन |
सिर | सीधा उठाये हुए | नीचे के तरफ झुका हुआ |
मुह | गीला व् गंधरहित | सुखा या अत्यधिक लार, ख़राब गंध |
नाक | श्राव रहित | श्राव (पानी जैसा/गाढ़ा/ बदबूदार ) |
जुगाली करना | करेगा | नहीं करेगा |
थूथुन | गीला | सुखा |
उपरी आवरण | चिकना कोट | रफ हेयर कोट |
आँखे | चमकदार आँखें, आँख की झिल्ली गुलाबी | सुस्त आँखें |
गोबर | सामान्य गोबर (अर्ध ठोस) | असामान्य गोबर (दस्त या बहुत सुखा और कड़ा) |
मूत्र | सामान्य थोडा पीला
पेशाब करने में कोई कष्ट नहीं |
अत्यधिक पीला या लाल खून जैसा
पीड़ायुक्त पेशाब करना |
तापक्रम | सामान्य तापमान | उच्च या निम्न तापमान |
चाल | ठीक चाल, कोई लंगडाहट नहीं | अनियमित चाल , लंगडाहट हो सकती |
श्वशन | सामान्य सांस लेना | श्वशन दर में बदलाव, खाँसी |
झुंड का साथ | झुंड में रहता है | झुंड से अलग |
खाने पीने में रूचि | अच्छी | भूख, प्यास में कमी |
दुग्ध उत्पादन | सामान्य | कमी |
पूँछ का हिलाना | जल्दी जल्दी | देरी से घुमाना |
रूमेन गति की दर | पांच मिनट में तीन बार | असामान्य रूप से कम या ज्यादा |
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डॉ. मुकेश श्रीवास्तव
प्रभारी पशु औषधि विज्ञान विभाग,
पशु चिकित्सा विज्ञानं विश्वविद्यालय एवं गो अनुसन्धान संस्थान, मथुरा – उ. प्र.
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