गौपालन में ग्याभिन की समस्या, कारण और सुझाव

गौपालन में जो सबसे ज्यादा मुश्किल आती है, या जिस वजह से गौशालाओं को मुश्किल होती है, वह है, गायों का समय पर गाभीन ना हो पाना। औसतन किसी भी गौशाला में एक गाय पर प्रतिदिन ₹150 का खर्चा आता है, और अगर गाय सही वक्त पर ग्याभिन नहीं होती है ,तो अगले 21 दिन के लिए वह खर्चा अनावश्यक रूप से बढ़ जाता है, जो कि करीब ₹3000 होता है। गाय ब्याने के 60 दिन में और भैंस ब्याने के लिए 90 दिन में ग्याभिन हो जाए तो ही गौ-पालक को मुनाफा होता है। हमें यह जानने की कोशिश करना है, कि हमारी गाय गर्मी पर आती है, तो पहली बार में क्यों नहीं ठहरती। मदकाल का हर अतिरिक्त चक्र किसान के खर्च को बढ़ा देता है।

ब्याहने से पूर्व 50 दिन का गौ-प्रबंधन

गाय ग्याभिन ना होने की मुख्य वजह ब्याहने से 50 दिन पहले सही गौ-प्रबंधन नहीं करना है।

हमें निम्न सावधानी बरतना चाहिए। 

  • कभी भी बच्चा खींचकर ना निकाले। ऐसा करने से गाय/भैंस की बच्चेदानी पर दबाव कम आएगा ,और वो समय पर गर्मी में आएगी।
  • गाय/भैंस को समय समय पर पेट के कीड़े मारने वाली दवा दें।
  • उचित मिनरल मिक्सचर का इस्तेमाल करें।
  • हरा चारा सूखा चारा दाना खली आदि सही मात्रा, गायों की जरूरत अनुसार खिलाएं।
  • अगर बरसीम घास दे रहे है तो, उसको काटने के बाद सुखा कर अगले दिन खिलाएं।
  • गाय का मद समय बहुत कम यानि 24 घंटे का होता है। अगर लंबा खींच रहा है तो ध्यान दें।
  • नया पशु खरीदते समय ध्यान रखें कि उसे कोई बीमारी तो नहीं है। बाड़े में शामिल करने से पहले 7 दिन तक नए पशु को अलग बांधे।
  • गायब्याहनेके 14 दिन बाद से उचित होम्योपैथिक दवाई चालू करें। (तकनिकी सलाहकार की मदद लेकर)

बार-बार गर्मी पर आने की समस्या

  • अगर गाय/भैंस गर्मी पर बार-बार आ रही है, ग्याभिन नहीं हो रही तो एलोवैरा (घृतकुमारी) के पत्ते का रस, 50 ग्राम जीरा और 200 ग्राम बाजरा रोजाना खिलाएं। साथ ही 21  दिन तक गोयल वैट फार्मा होम्योपैथिक दवाई यूटैरोजैन को सुबह 5 मिलि दें और शाम  को फर्टीसूल दवाई की 5 गोली खिलाएं। (तकनिकी सलाहकार की मदद लेकर)
  • यह हमारे तजुर्बे और पिछले पांच सालों से आजमाया हुआ नुस्खा है ,जिसमें 70 से 80 प्रतिशत गायों पर अच्छे  परिणाम मिले है।
  • जो गाय बार-बार पलट रही है उसे सांड से सर्विस कराना चाहिए और सर्वसि के बाद आयुर्वेदिक दवाई  के 5 मात्रा ढाई दिन में खिलाए। (तकनिकी सलाहकार की मदद लेकर)
  • जिन पशुवों में बच्चा गिरने का डर या पुराना इतिहास है, उसे हर महीने आयुर्वेदिक दवाई पाउडर प्रेग प्लस का डोज़ दें। (तकनिकी सलाहकार की मदद लेकर)
  • अगर आपके पास सांड है तो एक सांड 20 पशुवों की सर्विसके लिए पर्याप्त होता है, अगर इससे ज्यादा पशु होंगे, तो गाय /भैंस के ग्याभिन होने में समस्या होगी।
  • सांड को खरीदते समय या उसका इस्तेमाल करते समय उसके मां-बाप की पूरी जन्मपत्री मालूम होना चाहिए। उसका एक फोटो और बैज नंबर भी अपने पास रखें।
  • सांड की अच्छी हिस्ट्री नहीं होगी तो आपके व्यापार पर बुरा असर हो सकता है।

कृत्रिम गर्भाधान (A.I.) की सावधानियां

अगर आप कृत्रिम गर्भाधान के जरिए गाय को  कराते है –

  • तो स्टीलके बर्तन में 37 डिग्री पर गर्म पानी लें ।
  • थर्मामीटर से तापमान जांच लें।
  • इस पानी में वीर्य की स्ट्रा को सिर्फ 30 सेंकड तक डालकर निकाल लें।
  • निकालने के लिए चिमटी का इस्तेमाल करें हाथों से ना निकालें। एआई करने वाले डॉक्टर को साबुन से हाथ धोकर ही एआई करवाये।
  • कृत्रिम गर्भाधान करने के बाद वीर्य की स्ट्रा को 3 साल तक संभाल कर रखें। स्ट्रा का फोटो भी खींच ले ताकि आसानी रहे।
  • कृत्रिम  गर्भाधान से पहले पशु की जांच करवाये और उचित हो तो ही ए.आई. करवायें।  गर्मी में आने के 12-15 घंटे में कृत्रिम गर्भाधान हो जाना चाहिए।
  • कृत्रिम  गर्भाधान से जुड़ी कुछ गलतफहमियां दूर कर लें।
  • कृत्रिम गर्भाधान के बाद या सांड सर्विस के बाद पशु नीचे नहीं बैठना चाहिए की मान्यता का कोई आधार नहीं है। ऐसा कुछ आवश्यक नहीं है।
  • पशु को गर्मी में लाने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल करेंगे तो पशु का नुकसान भी हो सकता है।
  • कुछ जानकारियों पर ध्यान दें जैसे पिछली बार पशु को जब गर्भपात हुआ वो समय क्या था?
  • कुछ पशुवों को दो बार गर्भाधान करना पड़ता है। इसका निर्णय आपके डॉक्टर के ऊपर छोड़े। (तकनिकी सलाहकार की मदद लेकर)

किसी भी हालत में पशु को 3 बार से ज्यादा कृत्रिम गर्भाधान ना करें। इसका भी एक सूत्र है।

  1. 60 फीसदी पशु पहली बार में ग्याभिन हो जाते हैं।
  2. 30 फीसदी पशु दूसरी बार में ग्याभिन रहना चाहिए।
  3. 6  फीसदी पशु तीसरे बार में ग्याभिन हो जाना चाहिए।

तीन बार में ग्याभिन नहीं हो रहा तो डॉक्टर से इंफेक्शन  की जांच कराना चाहिए। (तकनिकी सलाहकार की मदद लेकर)

याद रखिए आपका पशु जितने देर से ग्याभिन होगा आपको उतना ही नुकसान होगा।

अधिक पढ़ें: पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए उचित देखभाल कैसे करें


डॉ. प्रशांत योगी

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