डाउनर काऊ सिंड्रोम का निदान और उपचार
डाउनर काऊ सिंड्रोम मवेशियों में पोस्ट-पार्टिकुलर हाइपोकैल्सीमिया (hypocalcaemia) बीमारी के बाद होता है, जो लंबे समय तक पुनरावृत्ति के कारण या तो उपचार में देरी के कारण होता है या जब गाय कैल्शियम थेरेपी के बाद भी ठीक नही होती है। यह शब्द गाय के नीचे होने के कारण उत्पन्न हुआ है, इसमें गाय अपने पैरों पर खड़े होने में असमर्थ हो जाती है। आम तौर पर बीमारी ब्याने के तुरंत बाद विदेशी और क्रॉसब्रेड गायों में होती है क्योंकि ये अधिक दूध देने वाली होती है और जिसके कारण इनमे हाइपोकैल्सीमिया का उच्च जोखिम होता हैं।
कारक:
- ब्याने के दौरान तंत्रिका और स्नायु को चोट पहुँचने के कारण।
- पेरिपार्टुरेंट हाइपोकलकेमिया, मिल्क फीवर या हाइपोमैग्नेसेमिया की जटिलताओं।
- लंबे समय तक रिकुम्बेंसी के कारण इस्चेेमिया(Ischemia) जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों से पोटेशियम की हानि होती है जो मायोटोनिया की ओर जाता है।
- एक्यूट मेट्राइटिस, एक्यूट मास्टिटिस और टॉक्सैमिया जैसे रोग।
नैदानिक लक्षण:
रोग की शुरुआत आमतौर पर दूध बुखार बीमारी के समान होती है। ब्याने के बाद (कभी-कभी ब्याने से पहले), गाय टेटनी, मांसपेशियों में कंपकंपी, हाइपोथर्मिया, ब्रैडीकार्डिया के लक्षण दिखाती है। डाउनर काउ, कैल्शियम, मैग्नीशियम और डेक्सट्रोज के साथ उपचार का जवाब नहीं देगी। हाल ही में यह देखा गया है कि इन मामलों में गंभीर फॉस्फोरस की कमी अंतर्निहित कारण हो सकती है, लेकिन चूंकि सीरम फॉस्फोरस का स्तर अच्छा संकेतक नहीं है, इसलिए इस कारण इस कारक की अनदेखी की जाती है। दूसरे, कैल्शियम मैग्नीशियम बोरोग्लुकोनेट में मैग्नीशियम फॉस्फेट का उपयोग करती है, जो फॉस्फोरस का स्रोत नहीं है। कोई भी गाय जो ब्याने के बाद अपने पैरों पर खड़े होने में सक्षम नहीं है, उनमे डाउनर काऊ सिंड्रोम का संदेह करना चाहिए।
प्रयोगशाला निदान के लिए नमूना संग्रहः
सीरम के नमूने आकलन के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स, जैसे सोडियम, पोटेशियम और क्लोराइड, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और पोटेशियम । सीरम अकार्बनिक फॉस्फोरस एक अच्छा संकेतक नहीं है इसलिए कुल रक्त फॉस्फोरस एक बेहतर परीक्षण है।
विभेदक निदानः
फ्रैक्चर, न्यूरोलॉजिकल विकार, प्रोटोजोआ रोग जैसे तंत्रिका अहर्लिचियोसिस।
उपचार:
लक्षणों के प्रदर्शन के तुरंत बाद या 24 घंटे के भीतर पंजीकृत या योग्य पशु चिकित्सक द्वारा जल्द से जल्द उपचार किया जाना चाहिए। यदि पशु लेटी हुई स्थिति में ज्यादा देर तक रहता है, तो पशु की मृत्यु हो सकती है।
डाउनर काऊ सिंड्रोम का प्रबंधन:
- कैल्शियम, मैग्नीशियम और डेक्सट्रोज अंतःशिरा इंजेक्शन का उपयोग।
- गाय के खड़े न होने पर कैल्शियम-मैग्नीशियम का उपयोग करने के बाद, बफर फॉस्फोरस अंतःशिरा का उपयोग करें।
- सहज भोजन के लिए चैड़े मुंह वाले बर्तन में चारा और पानी नियमित रूप से प्रदान करें, नियमित रूप से संतुलित राशन भी प्रदान करें। उच्च प्रोटीन आहार से बचें।
- इस्चेेमिक नेक्रोसिस को कम करने के लिए पशु को रोजाना कई बार एक तरफ से दूसरी तरफ घुमाएं।
- सहायता प्रदान करके पशु को आगे के पैरों पर खड़ा करने के लिए पीछे से पशु को उठाने का प्रयास करें।
- दूध पिलाने के बाद अङर और टीट्स को साफ और कीटाणुरहित करें, यदि संभव हो तो, मास्टिटिस से बचने के लिए टीट कैप लगाएं।
- अधिकांश मामलों में तापमान सामान्य हो सकता है लेकिन कुछ मामलों में, यह उप-सामान्य भी हो सकता है, ऐसे मामलों में गाय को गर्म रखें।
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लेखक
डॉ. व्ही. एम. भुक्तर |
अनुवादक डाॅ. राजेश कुमार |
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