इंदौर की पल्लवी व्यास ने डेयरी फार्मिंग में लहराया सफलता का परचम

डेयरी फार्मिंग के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन इस सेक्टर में सफलता पाने के लिए जरूरत है तो जज्बे और जुनून की। ‘डेयरी के सुल्तान’ में हमारी कोशिश देश के ऐसे Dairy Farmers की प्रेरक स्टोरी सामने लाने की होती, जिन्होंने अपने हौसले से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मुकाम हासिल किया है। इसी कड़ी में आज हम आपके सामने लेकर आए हैं इंदौर की प्रगतिशील महिला डेयरी फार्मर पल्लवी व्यास की सफलता की कहानी। Pallavi Vyas आज देश ही नहीं दुनिया के सामने Dairy Farming के क्षेत्र में  मिसाल कायम कर चुकी हैं।

जानिए कैसे शुरु हुआ पल्लवी के डेयरी फार्म एंटरप्रेन्योर बनने का सफर

एक घरेलू महिला पल्लवी व्यास के डेयरी फार्म एंटरप्रेन्योर बनने का सफर काफी प्रेरणादायी है। डेयरी टुडे से बातचीत में पल्लवी ने बताया कि उनकी सासू मां का निधन कैंसर की वजह से हुआ और उनके इलाज के दौरान उन्हें पता चला कि कैंसर होने की बड़ी वजह खाने-पीने के सामान में इस्तेमाल होने वाला पेस्टीसाइड और कैमिकल है। पल्लवी के मुताबिक इस घटना के बाद उनके मन में लोगों को शुद्ध और केमिकल रहित ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने का विचार आया। और फिर इसके बाद पल्लवी व्यास ने अपने शांता फार्म की शुरुआत की।

शुद्ध दूध के आइडिया ने डाली शांता डेयरी फार्म की नींव

आज मध्य प्रदेश के सफल Dairy Farmers में शुमार पल्लवी जोशी कहती हैं ऑगेनिक खाद्य पदार्थ का बिजनेस करने के दौरान ही उन्हें लगा कि लोगों को शुद्ध दूध मिलना सबसे बड़ी समस्या है। इसके बाद पल्लवी ने इंदौरवासियों को शुद्ध दूध उपलब्ध कराने की ठानी और फिर क्या था 2016 में जुलाई के महीने में उनके शांता डेयरी फार्म की शुरुआत हो गई। बीएससी और टैक्सटाइल केमिस्ट्री में डिप्लोमा कर चुकीं पल्लवी व्यास के मुताबिक उनका या उनके परिवार का खेती-बाड़ी, पशुपालन से दूर-दूर का नाता नहीं था, लेकिन पति एडवोकेट संजय व्यास के सहयोग से वे इस मुश्किल काम को पूरा करने में जी-जान से जुट गई। शांता Dairy Farm शुरू करने से पहले पल्लवी ने पुणे और मुंबई के कभी बड़े डेयरी फार्म्स का दौरा भी किया। पल्लवी 2016 के उस दौर को याद करते हुए कहती हैं, हमारे पास न जमीन थी, ना ज्यादा जानकारी थी बस एक आइडिया था कि डेयरी फार्म खोलना है, लोगों को शुद्ध दूध उपलब्ध कराना है। पल्लवी व्यास ने अपने पति और बैंक की मदद से इंदौर से 60 किलोमीटर दूर 35 एकड़ जमीन खरीदी और वहां शांता डेयरी फार्म की नींव डाली। आज उनका डेयरी फार्म कुल 50 एकड़ जमीन में फैला है।

रोजाना 1000 लीटर दुग्ध उत्पादन, 5 करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर

शांता फार्म्स की डायरेक्टर पल्लवी बताती हैं कि उन्होंने 6 गिर नस्ल की गायों से डेयरी फार्म शुरू किया था और आज उनके फार्म में 200 गाय हैं। जिनमें गिर, कांकरेज, साहीवाल, राठी, निमाड़ी और हॉलिस्टियन फ्रीशियन नस्ल की गाएं शामिल हैं। डेयरी फार्म में सबसे अधिक 80 गिर गाय हैं। सफल महिला डेयरी किसान Pallavi Vyas के मुताबिक उनके डेयरी फार्म पर रोजाना 800 से 1000 लीटर दूध का उत्पादन होता है। इस दूध को कांच को बोतलों में पैक कर इंदौरवासियों को सप्लाई किया जाता है। गिर गायों का शुद्ध ऑर्गेनिक दूध 90 रुपये प्रति लीटर बिकता है। Shanta Dairy Farms का वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से अधिक का है।

आधुनिक सुविधाओं से लैस है पल्लवी का ऑटोमेटेड डेयरी फार्म

पल्लवी के शांता डेयरी फार्म में गायों को अत्याधुनिक सुविधाओं के बीच रखा जाता है। पल्लवी का मानना है कि गाय को मां कहा जाता है और मां की अगर उचित देखभाल होगी तो जाहिर है कि वो अपने बच्चों का भी ख्याल रख पाएगी। यानी अच्छी क्वालिटी का दूध देगी। शांता डेयरी फार्म पर गायों का दूध ऑटेमेटिक मिल्क पार्लर में निकाला जाता है, उन्हें हवादार स्वच्छ वातावरण में रखा जाता है। बड़े-बड़े फैनDairy Fan, फॉगर सिस्टमFlow rate of 8.1 GPH at 60 psi, Pump required 40 to 45 meter head Fogger system, ब्रुश सभी कुछ है उनके डेयरी फार्म है। पल्लवी के मुताबिक उनके डेयरी फार्म पर हाइजीन का विशेष ध्यान रखा जाता है। मशीन के दूध निकाल कर पाइपों के जरिए सीधे चिलर प्लांट में जाता है और वहां से बोतलों में पैक कर ग्राहकों को सप्लाई कर दिया जाता है।

गायों की नस्ल सुधारने के काम में भी लगी हैं पल्लवी व्यास

पल्लवी के शांता डेयरी फार्म में गायों के लिए चारा ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किया जाता है। फार्म के बड़े हिस्से में हरे चारे की खेती होती है। गायों के लिए पौष्टिक साइलेज भी वे खुद ही तैयार करवाती हैं। एक-एक गाय का ख्याल रखा जाता है। हर गाय में सेंसर लगा है, जिससे उसके मिल्किंग, बीमारी आदि सभी का रिकॉर्ड रहता है। कुल मिलाकर गायों की इतनी देखभाल की जाती है कि वे बीमार ही नहीं पड़ती हैं। पल्लवी व्यास अपने Dairy Farm पर गायों की नस्ल सुधारने के मिशन पर भी लगी हैं। इसके लिए उन्होंने हर नस्ल के उन्नत बुल पाले हैं और ब्रीडिंग पर काफी ध्यान दिया जा रहा है।

डेयरी फार्म के लिए पल्लवी व्यास को देश-विदेश में मिले कई सम्मान

पल्लवी व्यास एक साधारण गृहणी से असाधारण डेयरी फार्मर बनने के Pallavi Vyas के सफर में कई परेशानियां भी आई, लेकिन उन्होंने उन चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। आज मध्यप्रदेश और देश में ही नहीं विदेश में भी उन्हें डेयरी फार्मिंग के क्षेत्र उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें इंडिया एसएमई फोरम द्वारा नारी शक्ति अवॉर्ड, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नारायणी नम: अवार्ड, वुमेन ऑफ इंदौर-2018 पुरस्कार, इंडो ग्लोबल एमएमई चैंबर द्वारा वुमेन एंड बिजनेस अवार्ड, बेस्ट स्टार्टअप अवार्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डेयरी फार्म एंटरप्रेन्योर पल्लवी व्यास के Dairy Farm को टॉप 100 इंडिया एमएमई अवार्ड भी मिल चुका है। इतना ही नहीं वे पोलैंड में आयोजित वार्षिक यूरोपियन एसएमई कॉन्फ्रेंस में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। पल्लवी व्यास ने इसी वर्ष 10 से 12 जून तक अमेरिका में आयोजित सिलेक्ट यूएसए इन्वेस्टमेंट समिट में भी हिस्सा लिया था।

पैसा के लिए नहीं, Pure Milk का संकल्प लेकर डेयरी फार्मिंग में आएं युवा

आज इंदौर के 700 से अधिक परिवारों में उनके Shanta Dairy Farm का मिल्क और दूसरे मिल्क प्रोडक्ट सप्लाई होते हैं। इतना ही नहीं पल्लवी ऑर्गेनिक फार्मिंग के जरिए सब्जियां और मसालों का भी उत्पादन करती हैं। डेयरी फार्मिंग में अपना लोहा मनवा चुकीं पल्लवी के मुताबिक उनका बस एक ही मकसद है कि लोगों को शुद्ध दूध और Dairy Product उपलब्ध करा सकें। पल्लवी का मानना है कि डेयरी को बिजनेस समझने वालों को Dairy Farming में नहीं आना चाहिए, क्योंकि ये पैसा कमाने से ज्यादा आत्मसंतुष्टि का मामला है। डेयरी फार्मिंग में किस्मत आजमाने वाले युवाओं से पल्लवी का कहना है कि वे धैर्य बनाए रखें, कठिन परिश्रम के लिए तैयार रहें और जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में नहीं पड़े तो उन्हें सफलता और संतोष दोनों मिलना तय है।

अधिक पढ़े: जानिए आधुनिक डेयरी फार्म कैसे चलाएं 


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स्त्रोत: डेयरी टुडे नेटवर्क, इंदौर/नई दिल्ली