कोविड-19 महामारी: पशु पालको हेतु जानकारी
कोविड 19 महामारी
चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद, आज इस विषाणु ने लगभग समस्त विश्व को भयभीत कर दिया है। यद्यपि इस बीमारी के कारणों तक पूरी तरह नहीं पहुंचा जा सका है। अभी तक की जानकारी के अनुसार इस वायरस की उत्पत्ति पशु-पक्षियों (चमगादड़ या पंगोलिन) से मानी जा रही है। कोरोना वायरस का एक बड़ा वंश है। जिनमे के कुछ विषाणु मनुष्यों में बीमारी का कारण होते है, और कुछ जानवरों में बीमारी का कारण बनते हैं। यह दुर्लभ है कि जानवरों को संक्रमित करने वाला कोरोना विषाणु मनुष्यों में फैल जाय। मौजूदा महामारी का जनक एक नया कोरोना वायरस है जिसे कोविड -19 नाम दिया गया है। यह वायरस कुत्तो और बिल्लिओ में कोरोना की बीमारी करने वाले वायरस से अलग है। एशले येगर जो कि साइंटिस्ट नामक शोध पत्रिका में एसोसिएट एडिटर हैं, के अनुसार बन्दर इस कोविड -19 की चपेट में आ सकते है, लेकिन बंदरो में लक्षण पूरी तरह मनुष्यों जैसे नहीं होते। हालाकि बंदरो में अभी ज्यादा अनुसन्धान नहीं हुए है। इस महामारी के बारे में पशुओ को लेकर कुछ पालतू पशुप्रेमियों में भ्रम है, सम्बंधित जानकारी WHO World Health Organization, OIE The World Organisation for Animal Health, formerly the Office International des Epizooties (OIE) is an intergovernmental organization coordinating, supporting and promoting animal disease control., CDC The Centers for Disease Control and Prevention, US और AVMA जैसी अंतररास्ट्रीय संस्थाओ से प्राप्त रिपोर्ट्स पर आधारित है। अभी तक के अनुसन्धान बताते है कि कुत्ते, सूअर और मुर्गियां का इस महामारी से संक्रमित होना नहीं के बराबर है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस महामारी से संक्रमित व्यक्ति के द्वारा घर में पालतू बिल्लियों को संक्रमित किया जाना असंभव नहीं है, एवं संक्रमण का माध्यम खासी, छीक या खाने के बर्तनो या संक्रमित हाथो से छूना आदि हो सकते है। एक शोध के अनुसार संक्रमित बिल्लिया, स्वथ्य बिल्लियों को संक्रमित कर सकती है, लेकिन बिल्लियों से मनुष्यों में बीमारी फ़ैलाने के बहुत अधिक प्रमाण अभी नहीं मिल पाए और इससे सम्बंधित अधिक शोध भी अभी नहीं हुए है, इतनी बड़ी महामारी और सम्बंधित जानकारी का श्रोत सिर्फ एक दो रिपोर्ट्स ही है, इसलिए सावधानी जरुर बरते लेकिन पालतू पशुओ को घर से न भगाए।
पशु प्रेमियों के लिए निम्नलिखित सुझाव है।
- घर पर रहकर पालतू पशुओ की देखभाल करे, व्ययाम, सुबह की सैर कराने आदि के लिए भी न निकले. (इस के लिए आगन या छत का प्रयोग कर सकते है)।
- साफ पानी तथा संतुलित आहार दे, साथ ही साथ समय समय पर उन्हें घर पर ही नहलाते रहे।
- घरों में रहने के दौरान भी आप अपने पेट्स के साथ अधिक नजदीकी बनाने से बचें, अर्थात उनके साथ निश्चित दूसरी रखें, अगर आप में खांसी जुकाम जैसे कोई लक्षण हैं तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
- अपने पालतू पशुओ को अपना जूठा खाना ना खिलाने, इसके अलावा किसी ऐसी चीज के संपर्क से उन्हें बचाएं जिसमें संक्रमण की आशंका हो।
- अगर आप उनके साथ खेलते हैं, या उन्हें घुमाने ले जाते हैं तो ध्यान रखें कि मास्क लगाकर ही जाये, इसके तत्काल बाद अपने हाथों को साबुन से २०-३० सेकंड्स तक जरूर धोये, इससे आप अपने साथ साथ उन्हें भी सुरक्षित रख सकते हैं।
- कुत्ते, बिल्लियों के रहने के स्थान को सोडियम हाइपोक्लोराइट (१%) से साफ करते रहे । एवं उनके खाने और पानी के बर्तन की सफाई हर बार खाना देने से पहले जरुर करे।
डॉ. मुकेश श्रीवास्तव | डॉ. रश्मि सिंह |
प्रभारी पशु औषधि विज्ञानं विभाग, पशु चिकित्सा विज्ञानं विश्वविद्यालय एवं गो अनुसन्धान संस्थान, मथुरा – उ. प्र. | डिपार्टमेंट ऑफ़ वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी, पशु चिकित्सा विज्ञानं विश्वविद्यालय एवं गो अनुसन्धान संस्थान, मथुरा – उ. प्र. |