पशुओं में होने वाला कठिन प्रसव

गर्भवती पशु को अपने बछड़े का प्रसव तब कराना होता है जब उसने गर्भावस्था का पूरा कार्यकाल पूरा कर लिया हो। लेकिन कभी-कभी पशु बिना सहायता के बछड़े को जन्म देने में सक्षम नहीं हो सकता है। अगर ऐसे जानवरों के साथ लापरवाही बरती जाती है या उन्हें सावधानी से हैंडल नहीं किया जाता है, तो इससे बछड़े या गाय या दोनों की मौत हो सकती है और इसके अलावा, गाय प्रजनन अंगों को चोट लग सकती है और वह कमजोर हो जाती है। मामला जटिल हो जाता है और बछड़े को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन करने के लिए पशु को फिट नहीं किया जा सकता है।

ऐसे समय में अगर पशु को अस्पताल में लाया जाता है, तो बछड़े और गाय दोनों को बचाया जा सकता हैं क्योंकि उन्हें परिष्कृत उपकरणों और बुनियादी सुविधाओं के अलावा ऐसे मामलों से निपटने के लिए विशेषज्ञ मिल जाते हैं। किसानों को पता होना चाहिए कि गर्भवती गाय को विशेषज्ञ जांच के लिए कब ले जाना है।

गर्भवती गाय की देखभाल

  •  बछड़े के विकास के लिए गर्भवती गाय को बाट और खनिज मिश्रण दिया जाना चाहिए।
  • चारे की आवश्यक मात्रा भी गाय को खिलानी चाहिए।
  • गर्भावस्था के 7 से 8 महीनों में दूध दूहना बंद कर देना चाहिए और गाय को कम से कम 2 महीने की सूखी अवधि देनी चाहिए।
  • प्रसव से पहलेे 10 दिनों के दौरान गाय को अलग से बांध दिया जाना चाहिए और जगह को साफ रखा जाना चाहिए।
    ब्याने/प्रसव के संकेत
  • हमेशा ध्यान दें और गर्भाधान की तारीख का उचित रिकॉर्ड रखें ताकि दूध दूहने की तारीख की गणना लगभग की जा सके।
  • अडर में दूध भरने से (24 घंटे के भीतर)
  • वल्वा से स्पष्ट बलगम जैसा स्राव और सूजन
  • पूंछ का आधार बछड़ों के लिए ब्याने के समय कूल्हों को चैड़ा करने से पूंछ के आधार का दबना
  • गाय झुंड के बाकी जानवरों से दूर रहती है
  • संकुचन के कारण शारीरिक कष्ट के लक्षण, बार-बार उठना-बेठना और चक्कर काटना, लात मारना और पूंछ को घूमाना।
  • जन्म देने से ठीक पहले, गाय अपनी पूंछ को उठाए हुए और आधार से चिपकाए हुई रखती है।
  • ब्याने से पहले एक पीले रंग का पानी का थैला निकलेगा।
  • बछड़ों के आगे के खुर सामने आना सही बात है। यदि केवल एक खुर दिखाई देता है या नाक पहले प्रकट होता है, तो सुरक्षित रूप से जन्म को पूरा करने के लिए सहायता की आवश्यकता होगी।

डिस्टोकिया के कारण

  • पोषण की कमी
  • फीटस की प्रस्तुति
  • बछड़े का अधिक वजन
  • पिछले प्रसव के दौरान उचित देखभाल न करना

गाय को अस्पताल में कब ले जाना है?

  •  अगर गाय पानी की थैली के फटने के 4 घंटे बाद भी बछड़े को जन्म नहीं देती है।
  •  गाय अपने उदर को अपने पेरो से मारती है।
  • जानवर ब्याने की कोशिश करता है लेकिन थक जाता है।
  •  ब्याने के 8-12 बजे के बाद भी नाल के प्रतिधारण के मामले में।

गाय को ले जाते समय बरती जाने वाली सावधानियां

  • जिस वाहन में गाय को ले जाया जाता है, वहां उचित बिस्तर सामग्री बिछाई जानी चाहिए।
  • गाय को ट्रक पर धीरे से चढ़ाना चाहिए।
  • चालक को धीरे गति से गाड़ी चलाना चाहिए ताकि गाय को चोट न लगे।

लेखक

डॉ. एस. वी. एन. राव
(सेवानिवृत्त) प्रोफेसर और प्रमुख
पशु चिकित्सा और पशुपालन विस्तार विभाग, रिवर, पुदुचेरी

अनुवादक

डाॅ. राजेश कुमार
स्नातकोतर पशु चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान
पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर