बजट २०१८ – ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ सुविधा अब दूध उत्पादकों के लिए
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भारत सरकार ने डेयरी फार्मिंग को ‘कृषि’ गतिविधि मानकर किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधाये डेयरी किसानों को भी दी है। यह भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। २०१८ बजट में बुनियादी ढांचा विकास निधि के लिए विशेष कोष बनाया जायेगा यह डेयरी उद्योग के लिए एक अच्छी खबर है। डेयरी किसानों को दिन-प्रतिदिन काम करने के लिए आवश्यक क्रेडिट का काम के. सी. सी से होगा। बुनियादी ढांचे के निर्माण का उद्देश्य उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
यहां तक कि पहले के अर्थसंकल्प में भी पर्याप्त फंड आवंटन किया गया था, लेकिन दुर्भाग्य से फंड का ज्यादा हिस्सा आम तौर पर संग्रह और प्रसंस्करण में जाता है और खेतों की गुणवत्ता में सुधार के लिए बहुत कम आवंटित किया जाता है। देश भर में एक आम दृश्य है कि पशु आवास की स्थिति बहुत खराब रहती है, डेयरी गाय और भैंस साफ सुथरी जगह में नहीं रहते, पशु आवास में फर्श असमान रहती है जिसके कारण पैरों से संबंधीत अनेक समस्याएं निर्माण होती हैं। किसानों को चारा खिलाने के तरिके में सुधार लाने के लिए विस्तार सुविधाओं से संपर्क करने के लिए कोई पर्याय नहीं है। इसलिए राज्य सरकारों को ‘वैज्ञानिक पशु गृह निर्माण’ के समर्थन के लिए एक योजना के साथ बाहर आना चाहिए।
जानवरों को बांधके नहीं रखना चाहिए और उनके लिए २४ घंटे चारा और पानी उपलब्ध करके रखना चाहिए। चारा और पशु खाद्य को बचाकर रखने के लिए भी किसानों को बुनियादी सुविधाओं के समर्थन की जरूरत है।
किसान केसीसी सुविधा के लाभ से बछड़े के विकास के लिए मिल्क रिप्लेसर और काल्फ स्टार्टर खरीद सकते है। ऐसी योजनाओ से प्रोत्साहित होकर गर्भवती हेइफ़र्स की ज्यादा उपलब्धता होगी जिससे इनकी कीमत भी कम होगी जो मांग व आपूर्ति के अंतर के कारण ज्यादा रहती थी। किसान सरकार से यह उम्मीद रखते है की वह खाली बोलने की की जगह गायों के लिए कुछ ठोस काम करें।